त्रिवेणी - गुलज़ार जी की इजाद की हुई है. मैंने सोचा कुछ हम भी हाँथ साफ कर देखें. आप जनता जनार्दन है आप ही फैसला करें में कितना सफल हुआ हूँ
१. बड़ी मासूम है ये खामोशियाँ तुम्हारी
जैसे बच्चा कोई ज़िद पकड़ के बैठा हो
कोई कैसे मनाये, जब बड़े बच्चे बन जाये
२. सभी खुदा है, इस - उस आसमां के,
गुफ्तगू भी मुश्किल है आदमी से,
मुद्दत हुई है, खुदा से अपनी लड़ाई है