Sunday, November 14, 2010

On my wife's birthday

तेरे होने से है गुलज़ार जिंदगी मेरी,
नर्म है वक़्त का मिजाज़ भी नरमी से तेरी,
रौशन है खुर्शीद मेरा, लौ से तेरी,
तेरा ही उजाला है रातों में मेरी,

अब तलक उधार ही जिया था मै,
तुने लौटाया है मुझको, मेरी जिंदगी का गुलाब,
मेरी हमनफस और क्या दूँ तुझे मै सौगात,
दे दूँ न गर तुझे मै अपनी जिंदगी का गुलाब